Thursday 21 November 2013

छात्रों के सवालों पर आनाकानी नहीं होगी बर्दास्त

छात्रों के सवालों पर आनाकानी नहीं होगी बर्दास्त, एआईएसएफ के 30 वें राज्य सम्मेलन से आंदोलन का आगाज, सभी वि.वि. में छात्र संघ चुनाव की तिथि धोषित करने व छात्रा षिकायत कोषांग बनाने, पटना में पाटलिपुत्र एवं बेगूसराय में दिनकर वि.वि. स्थापित करने, समान स्कूल प्रणाली लागू करने, स्नातक तक छात्राओं को निःषुल्क षिक्षा का प्रस्ताव सम्मेलन में पारित, 51 सदस्यीय राज्य परिषद व 19 सदस्यीय कार्यकारिणी का हुआ गठन, उस्मानिया वि.वि. हैदराबाद में होगा एआईएसएफ का राष्ट्रीय सम्मेलन 28-30 नवंबर को, बिहार से जाएगा 65 छात्र-छात्राओं को दल, संवाददाता सम्मेलन में संगठन के नेतओं ने दी जानकारी

पटनाः- राज्य में शैक्षणिक अराजकता कायम है। छात्रों के समस्याओं पर राजभवन, राज्य सरकार एवं विष्वविद्यालय प्रषासन आपसी सामंजस्य के आधार पर शैक्षणिक अराजकता कायम रखना चाहती है। जिसे अब और बर्दास्त नहीं किया जाएगा। एआईएसएफ का 30 वां राज्य सम्मेलन 16-18 नवंबर को भोगेन्द्र झा नगर दरभंगा में संपन्न हुआ। सम्मेलन में पूरे राज्य के 256 छात्र-छात्रा प्रतिनिधि शामिल हुए। सम्मेलन में 51 सदस्यीय राज्य परिषद, 19 सदस्यीय राज्य कार्यकारिणी का गठन किया गया। जिसमें परेवज आलम को अध्यक्ष, सुषील कुमार को सचिव, मृत्युंजय मृणाल, निखिल कुमार झा एवं अमीन हामजा को उपाध्यक्ष, पीयूष रंजन झा एवं हर्षवर्द्धन सिंह राठौर को सह सचिव तथा हरेन्द्र कुमार पंडित को कोषाध्यक्ष चुना गया। नवनिर्वाचित राज्य परिषद ने बैठक कर सरकार को चेतावनी के लहजे में कहा कि छात्रों के सवालों पर अब और आनाकानी बर्दास्त नही की जाएगी। कुलाधिपति और राज्य के षिक्षामंत्री तत्काल एआईएसएफ प्रतिनिधिमंडल से छात्रों के सवालों पर वार्ता करें अन्यथा उग्र आंदोलन झेलने के लिए तैयार रहे।
       तीन दिवसीय सम्मेलन में सभी विष्वविद्यालयों में छात्र संघ चुनाव की तिथि निर्धारित करने एवं छात्रा षिकायत कोषांग गठित करने, समान स्कूल प्रणाली लागू करने, पटना में पाटलिपुत्र एवं बेगूसराय में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर वि.वि. स्थापित करने, स्नातक तक छात्राओं को निःषुल्क षिक्षा, वोकेषनल पाठ्यक्रमों में गुणवतापूर्ण षिक्षा, स्थायी षिक्षक एवं बंद पड़े कोर्सो को शीध्र मान्यता, रूम रेन्ट कन्ट्रोल एक्ट बनाने, कोचिंग एकट में जन पक्षीय संषोधन कर छात्रोपयोगी बनाने एवं सख्ती से पालन, षिक्षक-छात्रों के अनुपात को 30ः1 करने, टीईटी-एसटीईटी उतीर्ण अभ्यार्थियों की स्थायी नियुक्ति एवं वेतनमान, सरकारी मेडिकल, इंजिनियरिंग काॅलेजों व छात्रावासों की संख्या बढ़ाने, पुस्तकालय एवं प्रयोगषालाओं को सुदृढ़ करने, छात्रों को सब्सिडी पर गैस मुहैया कराने, एआईएसएफ से संबद्ध पत्रकारिता एवं इंजिनियरिंग के लिए संगठन बनाने, लीगल एवं सांस्कृतिक सेल का गठन, नियमित पत्रिका प्रकाषित करने, जिला स्तर पर सांगठनिक कार्यषाला लगाने सहित कई प्रस्ताव पारित किए गए।
      सम्मेलन में निवर्तमान राज्य सचिव विष्वजीत कुुमार ने राजनीतिक-सांगठनिक व शैक्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। जिस पर 32 जिला के कुल 76 प्रतिनिधियों ने बहस में हिस्सा लिया। सम्मेलन को पटना वि.वि. छात्र संध की महासचिव अंषु कुमारी, परवेज आलम, मृत्युंजय मृणाल एवं सुषील कुमार की संयुक्त अध्यक्षता में संपन्न हुआ। सम्मेलन की तैयारी में स्वागताध्यक्ष नारायण जी झा, स्वागत महासचिव मृत्युंजय मृणाल एवं कोषाध्यक्ष के नेतृत्व में बनी टीम ने उपस्थित प्रतिनिधियों के लिए बेहतरीन प्रबंधन किया। इस वर्ष 1 लाख 5 हजार सदस्यता घोषित कर नए सत्र में डेढ़ लाख सदस्यता का लक्ष्य तय किया गया।
     सम्मेलन में प्रख्यात षिक्षाविद प्रो. अनिल सदगोपाल, जे.एन.यू. के वरीय प्राध्यापक सुबोध मालाकार, ललित नारायण मिथिला वि.वि. के कुलपति डाॅ. एस.एम. झा, प्रख्यात चिकित्सक अजीत चैधरी व एआईएसएफ के राष्ट्रीय महासचिव अभय टकसाल एवं पूर्व महासचिव विजेन्द्र केषरी, जे.एन.यू. की काउंसलर राहिला परवीन सहित कई सम्मानित लोग उपस्थित रहे। सम्मेलन के दूसरे दिन प्रथम सत्र में सांप्रदायिकता एवं छात्र विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया।
    वहीं 28-30 नवंबर को उस्मानिया वि.वि. हैदराबाद में एआईएसएफ का राष्ट्रीय सम्मेलन में बिहार से 65 छात्र-छात्राओं का चयन हुआ। बिहार का प्रतिनिधित्व करने के लिए 26 नवंबर को छात्र-छात्राओं का यह दल पटना-सिकंदराबाद एक्सप्रेस से हैदराबाद के लिए प्रस्थान करेगा।
    उक्त बातें आज जनषक्ति भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में संगठन के राष्ट्रीय सचिव विष्वजीत कुमार, प्रदेष अध्यक्ष परवेज आलम, राज्य सचिव सुषील कुमार, राज्य कार्यकारिणी के सदस्य प्रिंस कुमार ने कही।

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