जला है गुजरात अब भारत तेरी बारी है....हिटलर के चेलो की ये खानदानी बिमारी है.......न धरम से पेट भरता है,न मंदिर से घर चलता है,खुद का घर भरने के लिये इनकी दुकानदारी है.....बेच दिया गुजरात विकास के नाम पे,क्या सच मे गरीबो की हालत सुधारी है.......?सुना है की दंगो मे पेटसे थी जो औरते,ऊनको भी तलवार से रौँद दाला था,क्या ये ऊसी दैवी पुरुष को लाने की तय्यारी है....?मारा गया मुसलमान तो क्या हर जख्म भर जायेगा?याद रखना की अगली बारी तुमारी हैँ........
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